पत्नी जिसके पास रिपोर्ट लिखाने आई थी वह निकला उसी का तलाकशुदा पति फिर

दोस्तों, एक महिला अपनी शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंची, जहां उसे न्याय की उम्मीद थी। लेकिन जब उसने अपना बयान देना शुरू किया, तो माहौल अचानक बदल गया। सामने बैठे एसपी साहब और कोई नहीं, बल्कि महिला के तलाकशुदा पति निकले। यह अप्रत्याशित मुलाकात दोनों के लिए बेहद असहज थी। थाने में कुछ पलों के लिए सन्नाटा छा गया, जिसने वहां का माहौल बदल दिया। जैसे ही यह खबर बाहर फैली, पूरे जिले में हड़कंप मच गया। इसके बाद जो हुआ, वह जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। रिया गुप्ता, एक साधारण लेकिन हिम्मत वाली महिला, अपने अधिकारों के लिए लड़ने आई थी।

लिए आवाज उठाने में रिया ने कभी झिझक नहीं की थी। उस दिन, अपने जीवन की सबसे बड़ी उलझन लेकर वह जिला थाने पहुंची। कभी उसका रिश्ता खुशियों से भरा हुआ था, लेकिन तलाक के बाद उसका जीवन संघर्षों से भर गया। अब वह अकेले अपने बेटे की परवरिश कर रही थी और समाज की हर चुनौती का सामना खुद कर रही थी।

उस दिन रिया एक जरूरी रिपोर्ट लिखवाने के लिए थाने आई थी। पड़ोस में कुछ असामाजिक तत्वों ने उसका जीना दूभर कर दिया था। रिया ने कई बार उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन जब स्थिति काबू से बाहर हो गई, तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया। हालांकि, थाने में कदम रखते ही…

उसे अंदर एक अजीब सा अहसास हुआ, माहौल ने उसे अतीत की धुंधली यादों में खींच लिया। थाने के पुलिसकर्मियों ने बताया कि यह मामला जिले के एसपी के पास जाएगा क्योंकि यह बहुत गंभीर है। रिया ने निर्देशों का पालन किया और इंतजार करने लगी। लेकिन जैसे ही उसने एसपी ऑफिस का दरवाजा खोला, वह हैरान रह गई। सामने कुर्सी पर बैठा व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि उसका तलाकशुदा पति गोलू गुप्ता था। गोलू, जो कभी रिया की जिंदगी का अहम हिस्सा था, अब जिले का एसपी बन चुका था। उसकी सख्त वर्दी और गंभीर चेहरा देखकर रिया का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उसे अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हो रहा था।

था कि इतने सालों बाद उसका सामना उसी इंसान से होगा जिसने कभी उसकी दुनिया का हिस्सा होकर भी उसे अकेला छोड़ दिया था। गोलू भी रिया को देखकर चौंक गया। दोनों की आंखों में कई सवाल और भावनाएं उमड़ने लगीं। यह एक ऐसा संयोग था जिसने दोनों को उनके अतीत के सामने खड़ा कर दिया। रिया और गोलू दोनों के लिए यह पल किसी झटके से कम नहीं था। रिया ने कभी नहीं सोचा था कि अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए उसे उस इंसान से सामना करना पड़ेगा जिससे उसने सालों पहले सारे रिश्ते तोड़ दिए थे। गोलू, जो अब अपनी वर्दी में आत्मविश्वास से भरा हुआ था, अचानक रिया को देखकर असहज हो गया।

आंखों में पुरानी यादें उमड़ने लगीं। एक समय था जब दोनों ने साथ मिलकर जीवन के सपने बुनें थे, लेकिन हालात और गलतफहमियों ने उनके रिश्ते को टूटने पर मजबूर कर दिया। रिया के कदम ठिठक गए। वह चाहकर भी कमरे के अंदर प्रवेश नहीं कर पा रही थी। उसकी उंगलियां उस फाइल को कसकर पकड़े हुए थीं, जिसमें उसकी शिकायत दर्ज थी। उसकी आंखों में भावनाओं का अजीब सा मिश्रण था—गुस्सा, दुख और असमंजस। वहीं, गोलू ने अपनी कुर्सी से उठकर रिया को ध्यान से देखा। वह उसे कुछ कहने की कोशिश में भी असमर्थ था। उसके मन में अपराध बोध और पछतावे की भावना थी, लेकिन उसकी वर्दी उसे मजबूर कर रही थी कि वह…

अपने पद की गरिमा बनाए रखते हुए, गोलू ने अपनी भावनाओं को छुपाने की कोशिश की और गंभीर स्वर में पूछा, “क्या शिकायत है?” लेकिन उसकी आवाज में हल्की सी बेचैनी थी, जिसे रिया ने तुरंत भांप लिया। रिया ने खुद को संयमित करते हुए दृढ़ स्वर में कहा, “यह मेरी व्यक्तिगत समस्या है। मैं यहां न्याय के लिए आई हूं, और मुझे यकीन है कि यह मामला किसी भी पक्षपात का शिकार नहीं होगा।”

रिया की इन बातों ने गोलू को भीतर तक झकझोर दिया। वह समझ गया कि रिया आज भी अपने स्वाभिमान और मजबूत व्यक्तित्व को कायम रखे हुए हैं। उसने फाइल उठाई और पढ़ने लगा, लेकिन उसके मन में अतीत की धुंधली यादें तैरने लगीं—वे पल, जब दोनों…

ने साथ में खुशियां और संघर्ष साझा किए थे, लेकिन वह दिन भी आया जब उनके रिश्ते में कड़वाहट ने जगह बना ली। रिया ने महसूस किया कि गोलू उसे गौर से देख रहा है, लेकिन उसने अपनी नजरें चुराने की कोशिश की। उसके मन में सवाल उठ रहे थे—क्या गोलू सच में बदल चुका है? क्या वह आज वही व्यक्ति है जिसने कभी उसकी बातों को समझने से इंकार कर दिया था?

हालांकि, रिया जानती थी कि यह समय पुराने जख्मों को कुरेदने का नहीं, बल्कि अपनी बात को गंभीरता से रखने का था। कमरे में एक अजीब सा तनाव महसूस हो रहा था। यह साफ था कि अतीत की परछाइयां अब भी उनके वर्तमान पर असर डाल रही थीं।

ने गहरी सांस लेते हुए खुद को संयमित किया और गोलू की ओर देखते हुए अपनी शिकायत दर्ज करानी शुरू की, “मेरे पड़ोस में कुछ असामाजिक तत्वों ने जीना मुश्किल कर दिया है। वे आए दिन मेरे घर के आसपास गंदगी फैलाते हैं, रात को शोर मचाते हैं, और मेरी सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके हैं। मैंने कई बार उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वे सुनने को तैयार ही नहीं हैं। अब मैं चाहती हूं कि पुलिस इसमें हस्तक्षेप करे।”

गोलू ने शिकायत को ध्यान से सुना और फाइल में दर्ज जानकारी पर नजर डाली। लेकिन रिया की आवाज में दर्द और आक्रोश उसे विचलित कर रहा था। वह समझ रहा था कि रिया ने अपनी स्थिति तक…

पहुंचने में कितना संघर्ष किया होगा। हालांकि, उसके चेहरे पर वही सख्त और पेशेवर भाव थे, लेकिन अंदर से वह खुद को टूटा हुआ महसूस कर रहा था। “यह मामला गंभीर है,” गोलू ने कहते हुए फाइल बंद की। “हम जल्द ही कार्यवाही करेंगे। मैं व्यक्तिगत रूप से सुनिश्चित करूंगा कि आपकी सुरक्षा को लेकर कोई समझौता न हो।” उसकी आवाज दृढ़ थी, लेकिन उसमें कहीं न कहीं एक छिपा हुआ अपराध बोध भी झलक रहा था।

रिया ने उसकी बात सुनी, लेकिन उसकी आंखों में अविश्वास साफ झलक रहा था। वह खुद को रोक नहीं पाई और बोली, “आप आज मेरे लिए इंसाफ की बात कर रहे हैं, लेकिन उस वक्त कहां थे जब…”

मुझे आपके साथ की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब आपने मेरा भरोसा तोड़ा और मुझे अकेले सब कुछ सहने के लिए छोड़ दिया। गोलू यह सुनकर असमंजस में पड़ गया। उसने सोचा था कि वह इस मुलाकात को केवल पेशेवर दायरे में सीमित रखेगा, लेकिन रिया की इस बात ने उसे स्तब्ध कर दिया। वह जानता था कि इन सवालों का कोई सही जवाब देना उसके लिए संभव नहीं है। उसने धीरे से कहा, “रिया, मैं जानता हूं कि मैंने बहुत गलत किया है, लेकिन इस वक्त मैं आपका पति नहीं, बल्कि एक पुलिस अधिकारी हूं। मेरा फर्ज है कि मैं आपकी मदद करूं और मैं यह करूंगा।”

रिया ने उसकी बात सुनी, लेकिन उसकी आंखों में अब भी पुरानी चोटों का दर्द झलक रहा था। उसने…

धीरे से रिया ने कहा, “मुझे इंसाफ चाहिए, सहानुभूति नहीं। अगर आप वाकई अपने फर्ज को निभा सकते हैं, तो मैं इंतजार करूंगी। लेकिन याद रखिए, मेरी उम्मीदें अब आपसे नहीं, बल्कि कानून से हैं।” उसकी बात खत्म होते ही कमरे में कुछ पल के लिए सन्नाटा छा गया। रिया अपनी बात कहकर उठ गई, लेकिन जाते-जाते उसने एक पल के लिए गोलू की ओर देखा। गोलू वहीं बैठा रहा, उसकी आंखों में एक अजीब सा खालीपन था। दोनों के बीच की दूरी केवल शारीरिक नहीं थी, बल्कि भावनात्मक और मानसिक भी थी। यह मुलाकात उनके अतीत और वर्तमान के बीच पुल बनाने की पहली कोशिश थी, लेकिन यह पुल अब भी अधूरा था।

जाने के बाद गोलू अपनी कुर्सी पर बैठा रहा, लेकिन उसके मन में उथल-पुथल मची हुई थी। उसकी नजरें अब भी उस फाइल पर टिकी थीं, जिसे रिया ने थाने में लाने की हिम्मत दिखाई थी। फाइल में लिखी शिकायत और रिया के शब्द उसके दिमाग में बार-बार गूंज रहे थे। उसने सोचा, “कभी जो मेरे सबसे करीब थी, आज वही मुझसे इतनी दूर क्यों है? क्या मैंने सचमुच इतना बड़ा अपराध किया है जिसे सुधारा नहीं जा सकता?”

थाने का स्टाफ, जो अक्सर एसपी साहब को उनके आत्मविश्वास और सख्त रवैए के लिए जानता था, उन्हें पहली बार इस तरह गहरे विचारों में डूबा देखकर चौंक गया। गोलू ने अपने आप को संभालते हुए शिकायत की फाइल को फिर से खोला।

वह समझ गया था कि रिया को अब सिर्फ कानूनी न्याय की ही नहीं, बल्कि अपनी जिम्मेदारियों को साबित करने की भी आवश्यकता थी। गोलू ने तुरंत थाने के अधिकारियों को बुलाया और रिया के मामले पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उसने स्पष्टता से कहा, “यह मामला प्राथमिकता पर लिया जाएगा। मुझे पूरी रिपोर्ट चाहिए और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में उस क्षेत्र की किसी भी महिला को ऐसी परेशानी का सामना न करना पड़े।” उसकी आवाज में पहले जैसा अधिकार तो था, लेकिन इस बार उसमें एक नई दृढ़ता भी नजर आ रही थी।

अपने घर लौट आई थी, लेकिन उसके मन में सवालों का सैलाब उमड़ रहा था। वह गोलू के शब्दों पर भरोसा नहीं कर पा रही थी। अतीत की यादें उसकी आंखों के सामने जीवंत हो गई थीं—वह दिन, जब उसने अपने रिश्ते को बचाने के लिए हर संभव कोशिश की थी। लेकिन गोलू की प्राथमिकताएं हमेशा कहीं और थीं।

उसने खुद से कहा, “अब मैं कमजोर नहीं हूं। मैंने अपने जीवन को खुद संभाला है और अब मैं किसी पर निर्भर नहीं हूं, चाहे वह गोलू ही क्यों न हो।”

उसी शाम, गोलू ने रिया को कॉल किया। उसने कहा, “रिया, मैं जानता हूं कि तुम मुझ पर भरोसा नहीं करती, और शायद तुम सही हो। लेकिन इस बार, मैं तुम्हारी उम्मीदों पर खरा उतरना चाहता हूं।”

यह केवल मेरा फर्ज नहीं, बल्कि मेरी जिम्मेदारी भी है। तुम देखोगी कि तुम्हारी शिकायत पर उचित कार्रवाई होगी और तुम्हारे क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी, रिया ने बिना किसी भावना के जवाब दिया।

“यह आपका काम है, गोलू। मैं उम्मीद करती हूं कि आप इसे वैसे ही निभाएंगे जैसे एक अधिकारी को करना चाहिए। लेकिन मेरे जीवन में आपकी कोई भूमिका नहीं बची है। कृपया इसे समझें।”

गोलू ने इस जवाब को चुपचाप स्वीकार कर लिया। उसने महसूस किया कि रिया के मन में उसके लिए जो कड़वाहट थी, उसे मिटाना शायद मुमकिन नहीं है। लेकिन उसने ठान लिया कि वह कम से कम अपने कर्तव्य को पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ निभाएगा।

निभाना अब सिर्फ रिया के लिए नहीं था, बल्कि खुद को साबित करने का भी एक मौका था। गोलू ने रिया की बातों को दिल से स्वीकार किया, लेकिन उसके भीतर की बेचैनी लगातार बढ़ रही थी। उसने महसूस किया कि यह सिर्फ एक शिकायत का मामला नहीं था, बल्कि एक अवसर था अपने पुराने गुनाहों को सुधारने का। रिया की कड़वाहट उसके हर शब्द में झलक रही थी, जो गोलू के दिल में गहरे घाव की तरह चुभ रही थी।

गोलू ने तुरंत अपनी टीम को रिया के इलाके में भेजा और असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए। उसने वहां गश्त बढ़ाने के आदेश जारी किए और यह सुनिश्चित करने की ठानी कि हालात जल्द से जल्द सुधरे।

कि रिया को जल्द से जल्द राहत मिले, यह सोचकर वह बार-बार परेशान हो रहा था। उसने ठान लिया था कि इस बार रिया को यह दिखाना होगा कि वह सच में बदल चुका है। चाहे रिया उसे माफ न करे, लेकिन वह उसे निराश नहीं होने देगा।

दूसरी तरफ, रिया अपने घर में बैठी पूरी स्थिति पर नजर रख रही थी। हालांकि उसने अपने शब्दों से गोलू को जताने की कोशिश की थी कि अब वह उसके लिए कोई मायने नहीं रखता, लेकिन सच्चाई यह थी कि इस मुलाकात ने उसके दिल के पुराने जख्मों को फिर से हरा कर दिया था। वह अकेले बैठी अतीत की उन घटनाओं को याद कर रही थी, जिन्होंने उसे इस मोड़ तक ला खड़ा किया था। उसने खुद से कहा, “गोलू ने कभी मुझे समझने की कोशिश नहीं की।”

उसने कभी भी कोशिश नहीं की, हमेशा अपने काम और अहम को मुझ पर प्राथमिकता दी। मैंने तो अपने सारे सपने छोड़कर उसका साथ दिया, फिर भी उसने मुझे अकेला कर दिया। लेकिन अब मैं वो कमजोर रिया नहीं हूं। मैंने अपने दम पर अपनी ज़िंदगी बनाई है और अब किसी को ये हक़ नहीं दूंगी कि वो मेरी ज़िंदगी में दखल दे।

गोलू को रिपोर्ट मिली कि रिया के इलाके में शांति स्थापित हो चुकी है। असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई हुई और क्षेत्र में पुलिस की उपस्थिति बढ़ा दी गई। उसने राहत की सांस ली, लेकिन उसके मन में एक सवाल बार-बार गूंज रहा था।

क्या यह काफी होगा? क्या मैं अपनी ज़िम्मेदारी निभाकर रिया के दिल में अपने लिए थोड़ी सी जगह बना सकता हूं? गोलू ने फिर से रिया को कॉल करने का फैसला किया। उसने सोचा, “मुझे उससे कुछ नहीं कहना, बस यह बताना है कि उसकी समस्या हल कर दी गई है। मुझे यह दिखाना है कि मैं अपनी ज़िम्मेदारी समझता हूं, चाहे वह मुझे स्वीकार करे या न करे।”

फोन पर उसकी आवाज़ शांत थी, लेकिन अंदर से वह भावनाओं से जूझ रहा था। उसने कहा, “तुम्हारी शिकायत पर कार्रवाई हो चुकी है, अब तुम सुरक्षित हो। अगर तुम्हें आगे कोई परेशानी हो, तो बेझिझक मुझे बताना।”

रिया ने ठंडे स्वर में जवाब दिया, “धन्यवाद, यह आपका काम था और आपने उसे निभाया। मैं इसकी सराहना करती हूं, लेकिन अब मुझे किसी पर निर्भर होने की ज़रूरत नहीं है। अब मैं अपनी लड़ाई खुद लड़ सकती हूं।”

गोलू ने कुछ पल के लिए चुप्पी साध ली और फिर फोन काट दिया। यह उसके लिए एक और झटका था। उसने महसूस किया कि कर्तव्य निभाने के बाद भी वह वह भरोसा हासिल नहीं कर सका, जो शायद अब कभी वापस नहीं आ सकेगा।

गोलू ने फोन रख दिया, लेकिन रिया के शब्द उसके दिमाग में गूंजते रहे—”मैं अपनी लड़ाई खुद लड़ सकती हूं।” ये शब्द केवल रिया की आत्मनिर्भरता को नहीं दर्शा रहे थे, बल्कि गोलू को उसकी सीमाएं भी दिखा रहे थे।

की उम्मीद नहीं की, सिर्फ चाहा कि मैं उसे समझूं और उसके भावनाओं का सम्मान करूं। उसने अपनी आंखें बंद कीं और एक गहरी सांस ली। अतीत की वो यादें अब उसे कचोट रही थीं। उसे एहसास हुआ कि उसने अपने स्वार्थ और महत्वाकांक्षाओं में डूबकर रिया की भावनाओं को अनदेखा कर दिया। रिया ने हर बार उसकी खुशी को अपनी खुशी से ऊपर रखा, लेकिन वो हमेशा खुद को ही केंद्र में रखता रहा।

अब, जब सब कुछ हाथ से निकल चुका था, तब उसे समझ आया कि रिश्ते सिर्फ लेने का नाम नहीं, बल्कि देने और एक-दूसरे को समझने का नाम है। उसने पहली बार महसूस किया कि रिया ने उसे केवल प्यार और समझ की उम्मीद की थी, न कि किसी भौतिक चीज़ की। लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी।

की उम्मीद नहीं थी, बस वह चाहती थी कि मैं उसके साथ खड़ा रहूं, उसे समझूं। लेकिन मैं हमेशा अपनी दुनिया में उलझा रहा और उसकी जरूरतों को अनदेखा करता रहा। आज, जब वह मुझसे इतनी दूर है, तब जाकर एहसास हुआ है कि मैंने क्या खो दिया है।

दूसरी तरफ, रिया अपने घर में बैठी थी, लेकिन उसके मन में सवालों का एक जाल बिछा हुआ था। वह गोलू के साथ बिताए पुराने दिनों को याद कर रही थी। उसे याद आ रहा था कि कैसे उन्होंने साथ मिलकर अपने भविष्य के सपने देखे थे। लेकिन समय के साथ गोलू की प्राथमिकताएं बदल गईं। उसका काम और पद उसकी जिंदगी का केंद्र बन गया, और रिया खुद को अकेला महसूस करने लगी।

एक परछाई की तरह महसूस करने लगी रिया ने खुद को संभालते हुए सोचा, “अब मुझे पीछे मुड़कर नहीं देखना है। मैंने बहुत कुछ सहा है और अब मैं अपने लिए एक नई दुनिया बना चुकी हूं। मेरे जीवन से वह व्यक्ति कई साल पहले निकल चुका है और अब मैं उसे फिर से अपने जीवन में कोई स्थान नहीं दे सकती। उसने जो खोया है, वह शायद अब कभी वापस नहीं पा सके।”

इस सबके बीच गोलू ने एक बार फिर नेहा की फाइल पर नजर डाली। उसकी आंखों में अफसोस का साया था। उसने सोचा, “आज मैं एक जिले का एसपी हूं, लेकिन मैं अपने सबसे खास रिश्ते को संभाल नहीं पाया। रिया की शिकायत पर कार्यवाही करके मैंने एक अधिकारी के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाई, लेकिन शायद मैं अपने व्यक्तिगत जीवन में असफल रहा।”

जिम्मेदारी निभा सकता हूं, लेकिन एक इंसान के रूप में मैं वह विश्वास कैसे वापस ला सकता हूं, जिसे मैंने खो दिया है। गोलू ने ठान लिया कि वह अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी से निभाएगा, चाहे रिया उसे अपने जीवन में दोबारा स्वीकार करे या ना करे। लेकिन उसने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया कि अब से रिया की जिंदगी में कोई परेशानी न आए। यह केवल उसका कर्तव्य नहीं था, बल्कि एक तरह का प्रायश्चित भी था। उसने मन में ठान लिया कि वह रिया की मदद करेगा, लेकिन उसकी निजी जिंदगी में बिना हस्तक्षेप किए। गोलू ने अपनी वर्दी के कंधों पर हाथ फेरा, जैसे खुद को यह याद दिला रहा हो कि वह अब सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार अधिकारी है।

बल्कि एक जिम्मेदार अधिकारी होने के नाते, उसके लिए यह मामला सिर्फ एक शिकायत नहीं था। यह उसकी खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस पाने और अतीत की गलतियों को सुधारने का आखिरी अवसर था। उसने खुद से कहा, “इस बार रिया को दिखाना होगा कि मैं केवल नाम के लिए अधिकारी नहीं हूं, बल्कि अपने पद और जिम्मेदारियों का महत्व भी समझता हूं।”

दूसरी ओर, रिया अपने घर में बैठी थी, लेकिन उसके मन में एक अजीब सी शांति थी। अभय के फोन कॉल और उसकी हाल की हरकतों ने उसे कहीं न कहीं यह महसूस कराया था कि वह अब बदलने की कोशिश कर रहा है। फिर भी, रिया अपने दिल को यह समझाने की कोशिश कर रही थी कि अतीत को फिर से कुरेदने का कोई फायदा नहीं।

नहीं, रिया ने अपनी जिंदगी को संवारने में सालों लगाए थे, और अब वह दोबारा उस दर्द से गुजरने के लिए तैयार नहीं थी। रिया के इलाके में अब पुलिस की सक्रियता काफी बढ़ चुकी थी। वहां पहले जैसा शोर-शराबा और असामाजिक तत्वों का आतंक अब खत्म हो चुका था। मोहल्ले के लोग भी रिया के पास आकर कहने लगे, “आपकी शिकायत के बाद हालात बदल गए हैं। एसपी साहब ने जो कदम उठाए हैं, उससे हमारी जिंदगी बेहतर हो गई है। शायद आपकी वजह से ही हमें यह राहत मिली है।”

रिया ने मुस्कुराते हुए उनकी बातें सुनीं, लेकिन उसके मन में हल्की सी कशमकश थी। उसने सोचा, “गोलू ने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, लेकिन क्या मैं उसे…”

इसके लिए सराहनीय हूं, लेकिन क्या इतने सालों बाद उसके इस कदम से वह सब कुछ ठीक हो सकता है, जो हमने खो दिया था? गोलू अब भी रिया के बारे में सोच रहा था। उसने खुद को व्यस्त रखने के लिए काम में डुबो दिया, लेकिन उसके भीतर यह सवाल बार-बार उठता था – क्या रिया मुझ पर फिर से भरोसा कर पाएगी? क्या मैं उसे यह यकीन दिला पाऊंगा कि मैं अब वह इंसान नहीं हूं, जिसने उसे कभी नजरअंदाज किया था?

कुछ दिनों बाद, गोलू ने रिया के घर के पास से गुजरते हुए देखा कि वह अपनी स्कूटी पर बैठी कहीं जा रही थी। उसने दूर से ही उसे देखा और बिना किसी संवाद के चुपचाप अपनी कार में बैठा रहा। उसने महसूस किया कि अब…

नेहा को रोकने या उसके जीवन में वापस आने की कोशिश करना गलत होगा। उसने तय किया कि वह उसकी आज़ादी और आत्मनिर्भरता का सम्मान करेगा। रिया, जिसने लू को अपनी ओर देखते हुए महसूस किया था, एक पल के लिए रुकी, लेकिन फिर उसने अपना ध्यान भटकाया और अपने रास्ते पर बढ़ गई। उसने सोचा, अतीत को हमेशा पीछे ही छोड़ देना चाहिए। “मैंने अपनी जिंदगी अपने दम पर बनाई है और मुझे अब किसी सहारे की जरूरत नहीं।”

घोलू की आंखों में एक नम झलक थी, लेकिन उसके चेहरे पर सुकून का भाव भी था। उसने खुद से कहा, “शायद नेहा की जिंदगी में अब मेरी कोई जगह नहीं है, और यह ठीक भी है। लेकिन मैं हमेशा उसकी खुशी की कामना करूंगा।”

और सुरक्षा के लिए खड़ा रहूंगा, भले ही वह इसे जाने या न जाने। दोनों ने अपने-अपने रास्ते चुन लिए थे। रिया आत्मनिर्भर जीवन की ओर बढ़ रही थी, और गोलू ने अपनी जिम्मेदारियों को ही अपने प्रायश्चित की राह मान लिया था। उनके रास्ते अब भले ही अलग हो गए हों, लेकिन अतीत से जो सबक उन्होंने सीखे थे, वे उनके जीवन के नए सफर का आधार बन चुके थे।

कुछ दिन बाद, रिया अपनी गली में बच्चों को पढ़ा रही थी। यह काम उसे सुकून देता था और उसकी जिंदगी को एक उद्देश्य भी। तभी उसने गली के बाहर पुलिस की गाड़ी को रुकते देखा। कुछ पुलिसकर्मी उसके पास आए और उसे एक फाइल थमा दी। उन्होंने…

एसपी ने बताया कि यह फाइल आपकी शिकायत से जुड़ी अंतिम रिपोर्ट है। उन्होंने कहा कि अब उस इलाके में आपकी और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा चुके हैं। अगर भविष्य में कोई समस्या हो, तो आप बेझिझक संपर्क कर सकते हैं। रिया ने चुपचाप फाइल ली, पुलिसकर्मियों का धन्यवाद किया, और उनके जाने के बाद फाइल खोली। उसमें पुलिस की पूरी कार्यवाही का विवरण था, जिसमें हर कदम विस्तार से लिखा गया था। आखिर में एक छोटी चिट्ठी थी, जिसे गोलू ने खुद लिखा था। उसमें लिखा था, “नेहा, मैं जानता हूं कि मैंने तुम्हारे भरोसे को तोड़ा है।”

और अब शायद तुम्हारे दिल में मेरे लिए कुछ भी नहीं बचा, लेकिन यह मेरी जिम्मेदारी थी जिसे मैंने निभाने का प्रयास किया। तुमने मुझे एक अधिकारी होने का असली मतलब सिखाया। अब मैं अपने अतीत को पीछे छोड़कर एक बेहतर इंसान बनने की कोशिश करूंगा। तुम्हारे आत्मनिर्भर और सशक्त जीवन को देखकर मुझे गर्व होता है। बस इतना जान लो कि मैं हमेशा तुम्हारी खुशी की दुआ करूंगा।

रिया ने वह पत्र पढ़ा और कुछ पल के लिए ठहर गई। उसकी आंखों में हल्की नमी आ गई, लेकिन उसके चेहरे पर एक सुकून भरी मुस्कान भी थी। उसने पत्र को फाइल के अंदर वापस रखा और खुद से कहा, “गोलू ने आखिरकार समझ लिया कि असली…

ताकत क्या होती है, यह हर किसी की अपनी परिभाषा होती है। लेकिन अब मेरी राह अलग है। मैंने अपनी ज़िंदगी खुद बनाई है, और अब मैं इसे किसी और के लिए नहीं जीऊंगी।

गोलू ने भी उस दिन जाते वक्त आसमान की ओर देखा और गहरी सांस ली। उसने खुद से कहा, “रिया ने जो सिखाया, वह मेरे जीवन का सबसे बड़ा सबक है। मैं उसके प्यार को वापस नहीं पा सका, लेकिन शायद यही मेरी सजा है। उसे खुश देखकर ही अब मुझे सुकून मिलेगा।”

रिया और गोलू ने अपने रास्ते अलग कर लिए थे, लेकिन दोनों के दिलों में एक-दूसरे के लिए सम्मान का भाव बाकी रह गया। एक अधूरी कहानी ने दोनों को मजबूत और बेहतर इंसान बना दिया था। कभी-कभी सच्चा प्यार यही सिखाता है।

प्यार दूरी में ही अपना असली अर्थ पाता है, क्योंकि उसी दूरी के माध्यम से हम खुद को और अपने रिश्तों को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं। दोस्तों, आपकी जो भी राय हो, कृपया उसे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। यह कहानी कोई साधारण कहानी नहीं थी, बल्कि एक सत्य घटना पर आधारित थी। तो आपको यह घटना कैसी लगी? अगर यह वीडियो आपको पसंद आया हो, तो इसे लाइक करें और कमेंट बॉक्स में “जय श्री राम” लिखें। साथ ही हमारी कहानियों से जुड़े रहने के लिए धन्यवाद। जहां भी रहें, सुरक्षित और सतर्क रहें। दोस्तों, अपना कीमती समय देने के लिए दिल से आभार। फिर मिलते हैं एक नई कहानी के साथ।

में तब तक के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद फिर मिलते हैं एक नई कहानी में तब तक के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद तब तक के लिए जय हिंद जय भारत

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