सास और दामाद,  भागने से पहले, उन्होंने साथ में 5 दिन बिताए थे।

शादी को अभी भी 1 महीना और 6 दिन शेष थे, जब अचानक यह खबर आती है कि दामाद की तबीयत कुछ खराब हो गई है। यह सुनते ही सास को चिंता होने लगती है और वह बिना समय गंवाए अपने दामाद का हालचाल लेने के लिए उसके घर जाने का फैसला करती है। दोनों की यह पहली मुलाकात थी, क्योंकि अब तक वे केवल फोन पर ही बात किया करते थे। सास सुबह जल्दी ही दामाद के घर पहुंच जाती है और उसकी सेहत के बारे में विस्तृत जानकारी लेती है।

सास का इरादा था कि वह शाम तक लौट आएंगी, लेकिन दिनभर की बातचीत और दामाद की हालत देखकर, उसने दामाद के आग्रह को नजरअंदाज नहीं किया। दामाद ने उनसे निवेदन किया कि अगर आपको कोई परेशानी न हो तो आज रात यहीं ठहर जाएं। सास कुछ देर सोचने के बाद उसके आग्रह को मान लेती है और रुकने के लिए तैयार हो जाती है। रात को आराम करने के लिए दोनों एक ही बिस्तर पर सोते हैं, जहां बातचीत के दौरान उनके बीच एक अनौपचारिक और आत्मीय रिश्ता बनने लगता है।

किसी को इस बात का ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि इन दोनों के बीच क्या चल रहा था। अगली सुबह, जब सास जाने की तैयारी करती है, तो दामाद कहता है, “थोड़ा और रुकिए।” इस तरह रुकते-रुकते पाँच दिन बीत जाते हैं। इन पाँच दिनों में दोनों ऐसे रहते हैं जैसे कोई पति-पत्नी हों। फिर शादी की तारीख नजदीक आने लगती है। अब केवल नौ दिन बाकी थे, और तभी पूरे क्षेत्र में यह खबर आग की तरह फैल जाती है कि सास और दामाद अचानक लापता हो गए हैं।

यह घटना सोशल मीडिया पर इतनी तेजी से वायरल हुई कि हर कोई यही सवाल करने लगा कि आखिर सास और दामाद ने ऐसा क्या किया। आज की इस सच्ची कहानी के माध्यम से हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि यह घटना, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी, सास और दामाद के बीच यह नजदीकी और आकर्षण क्यों हुआ। इसके पीछे की असली वजह क्या थी, और उस लड़की का क्या हुआ जिसकी शादी होने वाली थी?

दोस्तों, नमस्कार। आज हम आपको एक सच्ची घटना सुनाने जा रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश के जिला अलीगढ़ में घटी। अलीगढ़ के मंडराक थाना क्षेत्र के एक गांव, मनोहरपुर कायस्थ, में एक महिला रहती थी, जिनका नाम सपना देवी था।

सपना देवी ने अपने पति, जितेंद्र उर्फ जीतू, से कहा, “देखो, शादी में अब सिर्फ 9 दिन बाकी हैं। आज 6 अप्रैल 2025 है। तुम्हें मेरी बहन के घर जाकर शादी का कार्ड देना चाहिए। अगर तुम कार्ड दे आएंगे तो अच्छा होगा, वरना देर हो जाएगी। हमें अभी ढेर सारे काम निपटाने हैं।”

अपनी पत्नी की बात मानते हुए जीतू तुरंत उसकी बहन के घर गया। वहां उसने शादी का कार्ड दिया और आसपास के इलाकों में भी बेटी की शादी के निमंत्रण बांटे। इसके बाद वह घर लौट आया।

यह 6 अप्रैल 2025 की रात थी। रात के करीब 8:30 बजे, जीतू ने अपनी बेटी शिवानी से पूछा, “बेटा, तुम्हारी मां कहीं दिखाई नहीं दे रही।”

शिवानी ने जवाब दिया, “पिताजी, वह तो शाम 4:30 बजे घर से निकली थीं। कह रही थीं कि बाजार जा रही हूं, कुछ खरीदारी करनी है। थोड़ा वक्त लगेगा।”

यह सुनकर जीतू ने तुरंत अपनी पत्नी को फोन लगाया और उससे बात करने की कोशिश की, लेकिन…

सपना ने कहा, “मैं बस अब घर पहुँचने वाली हूँ।” लेकिन अगले एक घंटे, यानी रात 8:30 से 9:30 बजे तक, जीतू बार-बार फोन करता रहा। हर बार सपना कोई न कोई बहाना बनाती, “अभी आ रही हूँ, बस थोड़ा और समय लगेगा।” फिर अचानक सपना का फोन बंद हो गया।

सपना का फोन बंद होते ही जीतू को शक होने लगा कि वह किसके साथ हो सकती है। उसने अपने दामाद राहुल को फोन किया और कहा, “मुझे सब पता है। मेरी पत्नी यानी सपना देवी तुम्हारे साथ है। उससे मेरी बात करवाओ।” राहुल, जिसकी शादी 16 अप्रैल 2025 को होनी थी, पहले तो इंकार करता रहा कि सपना उसके साथ नहीं है। लेकिन जब जीतू ने बार-बार दबाव डाला, तो राहुल ने कहा, “अब आप उनकी फिक्र करना छोड़ दीजिए। वह 18 साल तक आपके साथ रहीं। आपने उन्हें कितना दुख दिया, कितना परेशान किया। अब मैं उनकी पूरी जिम्मेदारी लूँगा। मैं उनके साथ रहूँगा और यह सुनिश्चित करूंगा कि उन्हें कोई परेशानी न हो।”

राहुल की ये बातें सुनकर जीतू के होश उड़ गए। उसे समझ नहीं आया कि उसका दामाद ऐसी बातें कैसे कर सकता है। रात 10:30 बजे राहुल का फोन भी बंद हो गया। अब जीतू और सपना के बीच कोई संपर्क नहीं बचा।

जीतू पूरी रात परेशान रहा। वह दरवाजे की ओर नजरें गड़ाए बैठा रहा, इस उम्मीद में कि शायद सपना लौट आए। वह बार-बार यही सोचता रहा कि शायद उसका शक गलत हो, और सपना वापस आ जाए। लेकिन पूरी रात बीत गई, और सपना नहीं लौटी।

सुबह होते ही जीतू ने पड़ोसियों, रिश्तेदारों और परिवार वालों से बात की। उसने बताया कि उसकी पत्नी रात से अचानक गायब है और उसे नहीं पता कि वह कहाँ है और किस हाल में है। परिवार वालों ने कहा, “घबराओ मत। पहले घर की तलाशी लो। देखो, कहीं कुछ गलत तो नहीं हुआ।”

जब घर की अलमारियाँ और सामान की जांच की गई, तो पता चला कि घर से करीब ₹5 लाख की नकदी और लगभग ₹5 लाख के गहने गायब थे। अब जीतू के सामने दोहरी मुसीबत थी। एक तो उसकी पत्नी गायब थी, और दूसरा, घर का कीमती सामान भी गायब हो चुका था।

जीतू कुछ दोस्तों को साथ लेकर तुरंत मंडराग पुलिस स्टेशन पहुंचा और वहां पूरी कहानी बताई। उसने कहा, “साहब, यह बात अक्टूबर 2024 की है। एक लड़का, जिसका नाम राहुल है, उम्र करीब 20 साल, उसके पिता का नाम होलाल है। वह मच्छरिया नंगला गांव का रहने वाला है, जो थानादारों के अंतर्गत आता है। उसकी तहसील छर्रा और जिला अलीगढ़ है। उसी राहुल से मेरी बेटी शिवानी की शादी तय हुई थी। शिवानी, जो आठवीं तक पढ़ी है, की शादी राहुल से होने वाली थी।

यह घटना अक्टूबर 2024 की है। इसके कुछ समय बाद, शायद एक-डेढ़ महीने में, मेरी पत्नी सपना और राहुल के बीच बातचीत शुरू हो गई। दरअसल, जब रिश्ता तय हुआ था, तब मैं ज्यादातर समय बाहर ही रहता था।”

मैं कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कपड़ों का व्यापार करता हूं। काम के सिलसिले में मुझे गांव-गांव और शहर-शहर जाकर कपड़े बेचने पड़ते हैं, जिस वजह से मैं घर पर कम ही रहता हूं। जब भी मैं घर फोन करता, तो पता चलता कि मेरी पत्नी सपना अपने दामाद राहुल से बात कर रही होती। वह दिन के 24 घंटों में से 14-15 घंटे राहुल से ही बात करती थी। उस समय मुझे इस पर कोई शक नहीं हुआ। लेकिन अब सपना का अचानक गायब होना मुझे बहुत परेशान कर रहा है।

आखिरी बार जब मेरी उससे बात हुई थी, तो राहुल ने कहा, “18 साल तक वह आपके साथ रही, आपने उसे बहुत परेशान किया। अब वह आपके साथ नहीं रहेगी। वह मेरे साथ रहेगी और मैं उसका पूरा ख्याल रखूंगा।” साहब, मेरी पत्नी को ढूंढकर लाइए। घर से 35 लाख रुपये नकद और 5 लाख के गहने भी गायब हैं। मेरी बेटी का रो-रोकर बुरा हाल है। हम बहुत परेशान हैं, कृपया हमारी मदद कीजिए।

पुलिस ने पूछा कि आप दोनों की मुलाकात कैसे हुई और बातचीत कैसे शुरू हुई? मैंने (जीतू) बताया कि पहले वह सिर्फ फोन पर ही बात करते थे। लेकिन 1 मार्च 2025 को सपना ने मुझे फोन किया। मैं उस वक्त बेंगलुरु में था। उसने कहा कि राहुल की तबीयत खराब है और उसे जाकर देखना चाहिए। मैंने कहा, “तू जाकर देख आ।” सपना ने कहा कि वह सुबह जाएगी और शाम तक लौट आएगी। लेकिन वह न 1 मार्च को लौटी, न 2 को, न 3 को, न 4 को, और न ही 5 को। वह पांच दिन तक राहुल के साथ रही। उस वक्त मुझे कुछ समझ नहीं आया, लेकिन अब लगता है कि 1 से 5 मार्च के बीच ही दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और शायद यहीं से उनकी मोहब्बत शुरू हुई।

पुलिस ने कहा, “ठीक है, आप लिखित शिकायत दीजिए। हम जांच करेंगे।” दोनों के फोन नंबर सर्विलांस पर डाले गए हैं। उनकी कॉल डिटेल्स और लोकेशन का पता लगाने की कोशिश शुरू हुई।

पुलिस ने पूछा कि शादी कब तय हुई थी? मैंने बताया कि 16 अप्रैल 2025 को गांव में ही शादी होनी थी। टेंट, खाने-पीने का इंतजाम, हलवाई—सब कुछ तैयार था। कार्ड भी बांटे जा चुके थे।

मैंने आगे बताया कि 25 मार्च को जब मैं बेंगलुरु से लौटा, तो देखा कि सपना हर वक्त फोन पर बात कर रही थी। जब मैंने उससे पूछा कि वह किससे बात कर रही है, तो उसने कहा, “दामाद जी से।” मुझे लगा कि सास और दामाद का रिश्ता मां-बेटे जैसा होता है, इसलिए मैंने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। लेकिन अब पूरी स्थिति को देखकर मैं बहुत परेशान हूं। कृपया मेरी मदद कीजिए।

लेकिन मुझे क्या पता था कि उनके मन में इतनी गलत भावनाएं थीं। किसी ने इस बात का अंदाजा नहीं लगाया था। 1 अप्रैल 2025 को राहुल ने मुझे फोन किया और कहा, “पापा जी, मुझे एक मोबाइल चाहिए। आप मुझे मोबाइल गिफ्ट कर दीजिए।” मैंने उसे Vivo का एक मोबाइल गिफ्ट किया, जिसकी कीमत लगभग ₹10000 थी। वह मोबाइल मैंने किश्तों पर लिया था। मुझे नहीं पता था कि वह इस फोन का भी गलत इस्तेमाल करेगा।

पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और इसकी तह तक जाने की कोशिश की। हमने खुद जितेंद्र उर्फ जीतू से बात की। हमने पूछा, “आपकी और सपना की शादी कब हुई थी?” जीतू ने बताया, “सपना का असली नाम अपना देवी है, लेकिन हम उसे प्यार से सपना देवी बुलाते हैं क्योंकि अपना देवी नाम बहुत आम है। हमारी शादी 2007 में हुई थी। यह शादी जय रामपुर गांव में हुई, जो मिरर हेची थाना क्षेत्र में आता है, जिला एटा, उत्तर प्रदेश। शादी के बाद पहले एक बेटी हुई, फिर एक बेटा और फिर एक और बेटा। हमारे तीन बच्चे हैं।”

जब यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो समाज में तरह-तरह की बातें होने लगीं। लोग हैरान थे कि मां-बेटे जैसे रिश्ते में ऐसा कैसे हो सकता है। जब पत्रकारों ने शिवानी से बात की, तो उसे पहले यह कोई बड़ी बात नहीं लगी। लेकिन जब लोगों ने उसे समझाया, तो वह धीरे-धीरे टूटने लगी। अपनी मां की इस हरकत से वह इतनी परेशान थी कि समझ नहीं पा रही थी कि उसकी मां ने ऐसा क्यों किया। एक पत्रकार ने शिवानी से पूछा, “आप क्या कहना चाहती हैं?” उसने कहा, “मैं अपनी मां से बस इतना कहना चाहती हूं कि जो नकदी और गहने तुम ले गई, वो वापस कर दो। हमें तुमसे और कुछ नहीं चाहिए।”

जब यही सवाल जीतू से पूछा गया, तो उसने कहा, “मैं पुलिस से सिर्फ एक गुजारिश करता हूं कि मेरी पत्नी को एक बार मेरे सामने लाएं। मैं उससे पूछना चाहता हूं कि उसने अपनी बेटी के लिए ऐसा घिनौना काम क्यों किया।” पुलिस ने इस मामले को जनरल डायरी में दर्ज किया, लेकिन अभी तक कोई एफआईआर नहीं हुई। जब पुलिस अधिकारियों से पूछा गया कि एफआईआर क्यों नहीं हुई, तो उन्होंने कहा, “दामाद यानी राहुल जिसकी उम्र 20 साल है और सास यानी सपना जिनकी उम्र 38 साल है, दोनों बालिग हैं। भारत का कानून कहता है कि 18 साल से ज्यादा उम्र के लोग अपने फैसले खुद ले सकते हैं। वह जानते हैं कि उनका फैसला सही है या गलत। अगर सपना कहती है कि वह राहुल के साथ रहना चाहती है, तो ना जीतू कुछ कर सकता है और ना कानून।”

हालांकि, 3.5 लाख की नकदी और 5 लाख के गहनों की शिकायत की जांच हो रही है। अगर यह साबित हो गया कि उन्होंने चोरी की है, तो एफआईआर हो सकती है। लेकिन अगर चोरी साबित नहीं हुई, तो कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। वह जहां चाहें, वहां रह सकते हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है, लेकिन शायद उन्हें ढूंढकर भी कुछ हासिल ना हो। सपना ने केवल अपने दो बेटों का नुकसान किया, बल्कि अपनी बेटी शिवानी की जिंदगी भी बर्बाद कर दी। उसने अपनी और अपनी बेटी की इज्जत को तार-तार कर दिया। समाज में एक गलत संदेश गया।

दूसरी तरफ, गांव में यह चर्चा शुरू हो गई कि सपना देवी को आखिरी बार बाजार की ओर जाते हुए देखा गया था। अगले दिन सुबह होते ही जीतू ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू की और सपना के फोन की लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश की।

इसी दौरान, गांव के कुछ लोगों ने यह अफवाह फैलानी शुरू कर दी कि सपना देवी को उसके दामाद के साथ देखा गया था। यह बात सुनकर पूरा गांव हैरान रह गया। शादी के इतने करीब, इस तरह की घटनाओं ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया।

पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वैसे-वैसे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आने लगे। सपना देवी और उसके दामाद के बीच की बढ़ती नजदीकियां गांव में चर्चा का विषय बन गईं। यह मामला धीरे-धीरे सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और हर कोई अपने-अपने अंदाज में कहानी को तोड़-मरोड़ कर पेश करने लगा।

अब सवाल यह था कि सपना देवी और उसका दामाद आखिर कहां गए? क्या उन्होंने खुद यह कदम उठाया, या फिर इसके पीछे किसी और का हाथ था? वहीं, शादी वाले घर में माहौल पूरी तरह से बदल चुका था। दुल्हन शिवानी और उसके परिवार के लोग गहरे दुख और शर्मिंदगी में डूबे हुए थे।

पुलिस ने मामले की गहराई से जांच शुरू की। सपना देवी और दामाद के फोन की आखिरी लोकेशन के आधार पर टीम ने अलीगढ़ के बाहरी इलाकों में तलाशी अभियान शुरू किया। इस दौरान कुछ चश्मदीदों ने बताया कि उन्होंने एक महिला और एक पुरुष को रेलवे स्टेशन की ओर जाते हुए देखा था।

आखिरकार, घटना के सातवें दिन पुलिस को पता चला कि सपना देवी और उसका दामाद दोनों दिल्ली में छिपे हुए थे। उन्हें वहां से पकड़कर वापस अलीगढ़ लाया गया। पूछताछ के दौरान जो सच्चाई सामने आई, उसने सभी को हैरान कर दिया।

सपना देवी ने बताया कि वह अपने पति जितेंद्र से खुश नहीं थी और अपने दामाद के साथ एक नई जिंदगी शुरू करना चाहती थी। दामाद ने भी यह स्वीकार किया कि उनके बीच कुछ महीनों से नजदीकियां बढ़ रही थीं।

यह कहानी न केवल समाज में रिश्तों की मर्यादा पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि व्यक्तिगत इच्छाएं और समाज के नियमों के बीच टकराव कैसे विनाशकारी हो सकता है।

दोस्तों, इस कहानी का मकसद किसी को परेशान करना या किसी का दिल दुखाना नहीं है। इसका उद्देश्य आपको जागरूक और सतर्क करना है। हमें हर कदम सोच-समझकर उठाना चाहिए। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया और सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर ऐसा क्यों हुआ। एक सास, जो अपनी बेटी से मात्र दो साल बड़ी है, ने ऐसा कदम क्यों उठाया? बेटी की उम्र 18 साल है और दामाद 20 साल का। यह स्थिति न केवल उस परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय बन गई है। आखिर हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है? दोस्तों, आपके साथ और सहयोग का हमारे लिए अत्यधिक महत्व है।

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