
दोस्तों, एक चोर चोरी करने के इरादे से एक घर में घुसता है। लेकिन जैसे ही वह घर के अंदर कदम रखता है, उसकी योजना पूरी तरह से बदल जाती है। यह घर एक 31 वर्षीय खूबसूरत और जवान विधवा महिला का है, जो अपनी चारपाई पर अकेली सो रही थी। जब चोर की नजर उस महिला पर पड़ती है, तो वह उसकी खूबसूरती में खो जाता है।
चोर को उम्मीद थी कि उसे इस घर से कोई कीमती सामान मिलेगा, लेकिन उसकी सोच बदल जाती है। महिला की सुंदरता देखकर उसके मन में अलग-अलग विचार आने लगते हैं। धीरे-धीरे वह महिला के पास जाता है और उसके करीब बैठने की कोशिश करता है। लेकिन तभी महिला की नींद खुल जाती है।
महिला अचानक चौक जाती है, और चोर डरकर चारपाई के नीचे छुप जाता है। महिला को महसूस होता है कि कमरे में कोई और भी मौजूद है। वह धीरे से उठती है, पानी पीती है, और फिर अपनी चारपाई पर सोने चली जाती है।
लेकिन दोस्तों, इसके बाद जो होता है वह आपकी कल्पना से परे है। यह कहानी वाकई दिलचस्प और रोमांचक है। तो आइए जानते हैं चोर और विधवा की इस अनोखी मुलाकात की पूरी कहानी!
हम आपके लिए रोज़ाना ऐसी ही दिलचस्प और रोमांचक कहानियां लेकर आते रहेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं आज की कहानी। यह घटना उत्तराखंड के एक छोटे से गांव की है। गांव में करीब 25-30 घर थे, जो पहाड़ी इलाका होने के कारण एक-दूसरे से थोड़ी दूरी पर बने हुए थे।
एक दिन, इसी गांव में पड़ोसी गांव से एक युवक चोरी करने आया। उसका नाम मुकेश था। रात का फ़ायदा उठाकर वह चोरी की योजना बनाकर गांव में घुसा। उसने एक घर में दाखिल होकर पैसे और कुछ सामान चुरा लिया। बाहर निकलते समय रात के 2 बजे थे। लालच में, उसने सोचा कि क्यों न किसी और घर में भी चोरी की जाए।
मुकेश ने अगले घर का रुख किया। यह घर एक 35 वर्षीय विधवा महिला का था, जिसका नाम रूबी था। वह घर छोटा था, जिसमें एक किचन और एक छोटा सा हॉल था। रूबी वहां अकेली रहती थी। जब मुकेश घर में घुसा, तो उसने देखा कि हल्की रोशनी जल रही है और रूबी अपनी चटाई पर गहरी नींद में सो रही है। मुकेश ने चारों ओर देखा, लेकिन घर में कोई कीमती सामान नहीं मिला।
चोरी में असफल होकर, मुकेश के मन में गलत विचार आने लगे। वह रूबी के पास जाकर बैठ गया और उसे छूने की कोशिश करने लगा। अचानक, रूबी को आभास हुआ कि कोई उसे छू रहा है। वह घबराकर उठ बैठी। यह देख मुकेश डर गया और बिस्तर के नीचे छुप गया। रूबी ने चारों ओर देखा, लेकिन उसे कोई दिखाई नहीं दिया। उसने सोचा कि शायद यह उसका भ्रम था।
थोड़ी देर बाद, रूबी ने पानी पिया और फिर सोने चली गई। इस बीच, मुकेश बिस्तर के नीचे छुपा रहा और धीरे-धीरे उसे नींद आ गई। ठंडी रात और थकान के कारण वह गहरी नींद में सो गया।
सुबह जब रूबी जागी, तो उसने रोज़ की तरह अपने काम शुरू किए। वह घर के बाहर निकली और अन्य महिलाओं के साथ शौच के लिए पहाड़ियों की ओर चली गई। हालांकि, रात की घटना उसके मन में अभी भी ताज़ा थी।
इस घटना ने रूबी के जीवन और सुरक्षा को लेकर उसे और सतर्क बना दिया।
तभी उनमें से एक महिला रूबी से कहती है, “अरे रूबी, तुम्हें पता है हमारे गांव में कल रात चोर आया था और उसने एक घर में चोरी कर ली। उस घर से पूरे एक लाख रुपये का सामान चोरी हो गया है। क्या तुम्हारे घर में वह चोर तो नहीं आया था?”
यह सुनकर रूबी घबरा जाती है और सोचने लगती है, “क्या रात को वह चोर मेरे घर में भी आया था? क्या वही मुझे छू रहा था?” चिंता में वह जल्दी से अपने घर लौट आती है। घर पहुंचकर जब वह हर तरफ देखती है, तो उसे पता चलता है कि उसके घर से कुछ भी चोरी नहीं हुआ है। लेकिन जब वह अपने कमरे में जाती है, तो वहां मुकेश को चारपाई के नीचे सोता हुआ पाती है।
रूबी घबरा जाती है और चिल्लाने की कोशिश करती है, लेकिन फिर सोचती है, “अगर मैंने गांव वालों को बताया कि वह चोर हमारे घर में घुसा है, तो लोग उसे बहुत मारेंगे। कुछ दिन पहले ऐसी ही घटना में गांव वालों ने एक चोर को इतना मारा था कि उसकी जान चली गई थी।” वह यह भी सोचती है, “अगर लोगों को पता चला कि वह पूरी रात हमारे घर में था, तो हमारी बदनामी हो जाएगी।”
इस दुविधा में वह सोचने लगती है कि उसे क्या करना चाहिए। रूबी अंदर जाती है, एक झाड़ू उठाती है, और मुकेश को जगाने के लिए उसे झाड़ू से खटकाने लगती है। जब मुकेश नहीं उठता, तो वह एक गिलास पानी लाती है और उसके चेहरे पर डाल देती है। पानी पड़ते ही मुकेश घबराकर उठ जाता है। जैसे ही उसकी नींद खुलती है, वह भागने की कोशिश करता है, लेकिन दरवाजे से लौटकर रूबी के पैरों में गिरकर रोने लगता है।
मुकेश कहता है, “रूबी, मुझे माफ कर दो। मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई है। मुझे बचा लो, नहीं तो ये लोग मुझे मार डालेंगे।”
रूबी तुरंत घर का दरवाजा बंद कर देती है। तभी गांव के कुछ लोग वहां आते हैं और कहते हैं, “भाभी, आपको पता है? हमारे गांव में कल रात चोर आया था। उसने लाखों का सामान चुराया है। हमें लगता है कि वह चोर अभी भी गांव में ही छुपा हुआ है।”
रूबी जवाब देती है, “अगर चोर चोरी करने आया था, तो वह सुबह तक क्यों रुकेगा? वह तो रात को ही भाग जाएगा।”
गांव वाले कहते हैं, “नहीं भाभी, वह जब गांव में आया था तो सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुआ था, लेकिन जाते वक्त उसका वीडियो रिकॉर्ड नहीं हुआ। इसलिए हमें शक है कि वह यहीं कहीं छुपा हुआ है।”
यह सुनकर रूबी घबरा जाती है क्योंकि उसे पता है कि मुकेश उसके घर में ही है। मुकेश, जो अंदर छुपकर यह सब सुन रहा था, डर और चिंता में डूब जाता है। जब गांव वाले चले जाते हैं, तो मुकेश सोचता है कि उसे तुरंत यहां से भागना चाहिए। लेकिन डर के कारण वह हिम्मत नहीं जुटा पाता।
रूबी अंदर जाती है, और मुकेश फिर से उसके पैरों में गिरकर माफी मांगता है। वह कहता है, “मैं जानता हूं कि मैंने गलती की है, लेकिन मुझे बचा लो।”
रूबी कहती है, “तुम्हें यहां से निकलना चाहिए। हमारे गांव के लोग बहुत निर्दयी हैं। अगर उन्होंने तुम्हें पकड़ लिया, तो तुम्हें मार डालेंगे। मेरी भी बदनामी होगी।”
मुकेश कहता है, “मैं अभी बाहर नहीं जा सकता। मुझे छुपा लो।”
रूबी पूछती है, “सच बताओ, क्या तुमने एक लाख रुपये चुराए हैं?”
मुकेश जवाब देता है, “नहीं, मेरे पास सिर्फ कुछ पैसे, दो बच्चों की पायलें और एक सोने की अंगूठी है।”
रूबी कहती है, “यह तो बहुत कम है। लेकिन अगर तुम्हें पकड़ा गया, तो लोग तुम्हें माफ नहीं करेंगे।”
मुकेश सिर झुकाकर कहता है, “मैं जानता हूं। बस मुझे एक मौका चाहिए।”
रूबी सोचती है और कहती है, “ठीक है, तुम मेरे दूसरे कमरे में छुप जाओ। मैं बाहर से ताला लगा दूंगी। लेकिन याद रखना, अगर किसी को तुम्हारे बारे में पता चला, तो मैं तुम्हारी मदद नहीं कर पाऊंगी।”
मुकेश कमरे में चला जाता है, और रूबी बाहर से ताला लगा देती है। कहानी अब एक नए मोड़ पर पहुंच रही है। क्या मुकेश अपनी जान बचा पाएगा? क्या रूबी उसे सुरक्षित निकाल सकेगी? यह देखना बाकी है।
वह अपने कामकाज में व्यस्त हो जाती है। एक घंटे बाद वह नहाने के लिए जाती है, फिर खाना बनाती है और चाय तैयार करती है। वह सोचती है कि क्यों न मुकेश को भी कुछ खिला दिया जाए, क्योंकि वह बेचारा रात से कुछ खाया-पिया नहीं है। रूबी सबसे पहले अपने घर के बाहर इधर-उधर देखती है कि कोई उसके घर के अंदर आ तो नहीं रहा। जब कोई उसे नहीं दिखाई देता, तो वह ताला खोलती है और मुकेश को बाहर निकालती है। वह उसे खाना, चाय और पानी देती है। मुकेश उसे धन्यवाद कहता है और फिर वह उसे उस कमरे के अंदर भेजकर बाहर से ताला बंद कर देती है।
शाम होने पर रूबी के घर कुछ महिलाएं आती हैं और चोरी के बारे में चर्चा करने लगती हैं। तभी एक महिला रूबी से पूछती है, “आज तुम उस कमरे का ताला क्यों बंद कर रखी हो?” यह सुनकर रूबी घबरा जाती है, लेकिन वह तुरंत मुस्कान के साथ जवाब देती है, “जब हमें पता चला कि रात को हमारे गांव में चोर चोरी करने के लिए आया था, तो मैं बहुत परेशान हो गई थी। इसलिए मैंने उस कमरे में ताला बंद कर दिया है ताकि अगर कोई चोरी करने भी आए, तो उसे कुछ न मिले।” इस जवाब से महिलाएं संतुष्ट हो जाती हैं, लेकिन रूबी की चिंता बढ़ जाती है। वह सोचती है, अगर किसी को मुकेश के बारे में पता चला तो क्या होगा। उसके मन में बेचैनी बढ़ने लगती है और वह महसूस करती है कि वह एक मुश्किल स्थिति में है।
कहानी में तनाव बढ़ जाता है, और दर्शकों की उत्सुकता भी। क्या मुकेश अपनी जान बचा पाएगा? क्या रूबी उसे सुरक्षित रखने में सफल होगी? ये सवाल अब कहानी में अहम हो जाते हैं। महिलाएं रूबी की बात सुनकर हंसने लगती हैं और कहती हैं, “रूबी, तुम्हारे घर में ऐसा क्या है जो चोर ले जाएगा? तुम क्यों ताला बंद करके बैठी हो?” यह बातें काफी देर तक चलती हैं और महिलाएं दो-तीन घंटे तक रूबी के घर पर रुकती हैं।
यह मामला साल 2020 का है, जब नवंबर के महीने में रूबी के घर चोरी हुई थी। रात के 9 बजे रूबी खाना बनाने में व्यस्त होती है। वह मुकेश को कमरे से बाहर बुलाकर खाना खिलाती है। खाने के दौरान रूबी मुकेश से पूछती है, “तुम चोरी करने का काम क्यों करते हो?” मुकेश जवाब देता है, “देखो, मैं पहली बार यहां चोरी करने आया था। मैं असल में चोरी नहीं करता। मैंने एक लड़के से पैसे लिए थे और वह सब मैं जुए में हार गया। अब मेरे ऊपर बहुत कर्ज हो गया है। इसलिए मैंने सोचा, अगर मैं चोरी कर लूंगा तो एक झटके में कुछ पैसे कमा लूंगा और अपना सारा कर्ज चुका दूंगा। लेकिन मैं तुम्हारी कसम खाकर कहता हूं कि मैं पहली बार चोरी करने आया हूं। इससे पहले मैंने कभी भी चोरी नहीं की।”
रूबी मुकेश से पूछती है, “एक बात बताओ, तुम कल रात मेरे चारपाई पर आकर बैठे थे न और मुझे छू रहे थे। तुम मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे थे? उस समय मुझे लगा था कि मैं कोई सपना देख रही हूं और मैं सो गई थी, लेकिन अब मुझे यकीन है कि वह सपना नहीं था, बल्कि तुम ही थे।” मुकेश उसकी बात सुनकर कहता है, “मुझसे गलती हो गई, मुझे माफ कर दो। जब मैंने तुम्हें अकेले चारपाई पर सोते हुए देखा, तो मेरा दिमाग खराब हो गया था। मेरी नियत बिगड़ गई थी और मैं तुम्हारे साथ गलत करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन भगवान का शुक्र है कि तुम जाग गईं और मैं छुपकर चारपाई के नीचे सो गया। कब मुझे नींद लग गई, मुझे खुद भी पता नहीं चला।”
रूबी फिर उससे पूछती है, “क्या तुम्हारी शादी हो चुकी है?” मुकेश जवाब देता है, “नहीं, अभी तक मेरी शादी नहीं हुई है।” फिर वह पूछता है, “आप इस घर में अकेली क्यों रहती हैं? आपके साथ कोई नहीं है?” रूबी कहती है, “नहीं, मेरे घर में कोई रहने वाला नहीं है। मैं इस घर में अकेली रहती हूं। दो साल पहले मेरे पति की मौत हो गई थी। वह शराबी थे और शराब पीने के बाद उनका एक्सीडेंट हो गया था। तब से लेकर अब तक मैं इस घर में अकेली रहती हूं। मेरा कोई बच्चा भी नहीं है।”
तब रूबी मुकेश से कहती है, “तुम रात को मेरे साथ गलत करने की कोशिश कर रहे थे। अगर मेरी नींद नहीं खुलती, तो तुम मेरे साथ क्या-क्या करते?” मुकेश कहता है, “देखो, मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई है। मैं उस समय आपके साथ गलत करने की सोच रहा था। लेकिन आपने मेरी जान बचाई। आपका यह एहसान मैं जिंदगी में कभी नहीं भूल सकता।”
दोनों के बीच काफी बातचीत होती है। दोनों खाना खाते हैं और जब रात के एक बजते हैं, तब रूबी मुकेश से कहती है, “देखो, अब तुम यहां से चले जाओ। गांव के सभी लोग सो चुके हैं और यही समय है गांव से बाहर निकलने का। और जिंदगी में दोबारा ऐसी गलती करने की कोशिश मत करना।” मुकेश कहता है, “ठीक है। मेरे पास जो भी सामान मैंने चोरी किया है और जो पैसा बचा है, यह सारा सामान तुम रख लो।” रूबी कहती है, “नहीं, यह सामान तुमने चुराया है, तो तुम ही लेकर जाओ। मुझे यह सामान नहीं चाहिए। इसे अपने घर ले जाओ और जो कर्ज लिया है, उसे चुका देना।”
मुकेश वहां से चला जाता है। अगले दिन सुबह पूरे गांव में हंगामा मचता है कि जो सामान चोरी हुआ था, वह मिल गया है। मुकेश रात को गांव से बाहर निकलते समय जिस घर से उसने सामान चोरी किया था, वहीं सारा सामान छोड़कर चला गया। गांव वाले सामान मिलने पर सभी बातें भूल जाते हैं कि कौन चोर आया था और क्या चोरी हुआ था। यह बात बस आई-गई हो जाती है।
छह महीने का समय बीत जाता है, लेकिन रूबी हर रोज मुकेश को याद करती रहती है। तभी एक दिन बाजार में अचानक मुकेश उससे मिल जाता है। उसे देखकर रूबी बहुत खुश हो जाती है और उसे गले लगाने की कोशिश करती है। लेकिन फिर सोचती है कि अगर उसने उसे गले लगाया, तो मुकेश क्या सोचेगा। रूबी मुस्कुराते हुए मुकेश से पूछती है, “तुम इतने दिनों तक कहां थे? इतने दिनों बाद आज तुम्हें देख रही हूं। तुम कभी मुझसे मिलने भी नहीं आए।” मुकेश जवाब देता है, “देखो रूबी, जिस दिन तुम्हारे घर से निकला था, अगले ही दिन मैं देहरादून चला गया था। वहां जाकर मैंने कामकाज शुरू कर दिया और मेहनत-मजदूरी करके पैसे कमाने लगा। अभी दो दिन पहले ही अपने घर लौटा हूं।”
दोनों के बीच काफी बातचीत होती है और धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं। 2023 के अंत तक मुकेश और रूबी की शादी हो जाती है। इसके बाद दोनों हंसी-खुशी साथ रहने लगते हैं।
इस कहानी का उद्देश्य आपको जागरूक, सचेत और सतर्क करना है।
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